भोजपुरी फिल्म जगत और भारतीय राजनीति में एक प्रतिष्ठित नेता एवं अभिनेता रवि किशन 50 वर्ष के हो चुके है। रवि किशन ने अपने फ़िल्मी करियर में लगभग 116 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए हिंदी फिल्म "तेरे नाम" और भोजपुरी फिल्म "कब होई गवनवा हमार" के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है।

वर्ष 1969 में 17 जुलाई को उत्तर प्रदेश राज्य के जौनपुर जिले की केराकत तहसील में एक छोटे से गांव वराई विसुई में पंडित श्याम नारायण शुक्ला व जड़ावती देवी के घर पर जन्मे रवि किशन आज जितने कामयाब है एक समय वो सपने में भी इस कामयाबी के बारे में नहीं सोच सकते थे। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में बताया है कि वे किस तरह संघर्ष करके आज इस उचाई पर पहुंचे है।

रवि किशन ने अपने पुराने दिनों की चर्चा करते हुए बताया कि गरीबी और बेरोज़गारी की वजह से एक समय वह गलत रास्ते पर चलने को मजबूर हो गए थे परन्तु उनके पिता ने उन्हें रोक लिया था।

उन्होंने बताया कि ''मेरे स्ट्रगल के समय मेरी मदद किसी ने भी नहीं की… मुझे याद है मेरी बेटी पैदा हुई थी तब मेरे पास उसे अस्पताल से छुट्टी दिलाकर घर लाने तक के पैसे नहीं थे। मैंने ब्याज पर पैसे उधार लेकर अपनी पत्नी और बेटी को अस्पताल से छुट्टी दिलवाई थी और इन सब के कारण मेरे खेत गिरवी पड़े थे।''

रवि किशन ने कोमल नाहटा को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि ''फिल्मों में 10-12 साल काम करने के बाद भी मुझे पैसे नहीं मिलते थे। चेक लगातार बाउंस होते थे। फिल्म के प्रोड्यूसर सुबह पैसे देते थे और शाम होते होते वापस भी ले लेते थे। लोग पैदल चलकर ऊपर आते हैं मैं रेंगकर ऊपर आया हूं। मैं पैसे के पीछे नहीं फिल्म के पीछे भागता था।''

उन्होंने बचपन का एक किस्सा बताते हुए कहा कि "वे अपने गाँव में होने वाली रामलीला में सीता का रोल करते थे और इसके लिए उनके पिता उनकी बेल्ट से पिटाई करते थे।" उनके पिता का कहना तह तुम नचनिया क्यों बन रहे हो? उनके पिता चाहते थे कि वो कोई ऐसा काम करें जो ब्राह्मण परिवार को शोभा देती हैं। रविकिशन को उनकी माँ का समर्थन मिला उन्होंने रवि को घर से भागने की सलाह दी थी।  इसके बाद ही एक्टिंग करने के लिए रवि किशन ने 17 वर्ष की उम्र में अपना घर भी छोड़ दिया था।

रवि किशन ने इंटरव्यू में बताया कि उनकी लाइफ में एक ऐसा दिन भी आया जब वे बरसते पानी में आसमान को देखकर खूब रोये थे और उस दिन को आज तक नहीं भूल पाए है। रवि किशन के अनुसार "मैं बारिश में भीगते हुए रिकॉर्डिंग स्टूडियो पहुंचा था। जब मैं 7-8 घंटे की रिकॉर्डिंग कर बाहर निकला तो मैंने चेक मांगा। इस पर प्रोड्यूसर ने कहा- फिल्म में काम दे दिया ये क्या कम है… चेक मत मांगना नहीं तो रोल काट दूंगा। मैं हैरान रह गया था। मुझे ज़मीन छुड़ाने के लिए पैसे चाहिए थे। मैं बाइक पर बैठकर बारिश में भीगता हुआ वापस आया। आसमान में देखकर मैं खूब रोया था। उस दिन को मैं कभी नहीं भूल पाया।"